कहानी तो वही पुरानी है,
मगर मेरे लिए नई है,
सुनते ये कहानी तो कहानी है,
पर धीरे धीरे कैसे,
पूरी कहानी बनती है,
धरती पर उतरती है,
खुद के जीवन की,
कई किस्तो की कहानी ,
कहानी में भी कहानी चलती है,
कहानी की गिरफत में,
अपनी पहचान गुम है,
जब खड़ा होता हूँ की ,
ऊपर उड़कर देखू ,
कहानियो को छोड़कर ,
तो फिर कोई,
कहानियो का किरदार,
प्रहार करता है,
इन कहानियो के दोरो से,
जैसे कोई कहानी बन गया है,
जिस तरफ बड़ो,
उस तरफ भी सीमाए नजदीक है,
The same old Story. Hindi poem

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