पाना और खोना
कुछ जोड़ लेना
कुछ रोक लेना
कुछ दबा लेना
कुछ संजो लेना
दिल की गहराई में
जिसे फिर कोई न छीने
पर ये तो इतने चालक है
पहचान जाते है
क्या छुपा रखा है
खुशबू पहचान जाते है
फिर लूटने को
वैसा ही स्वांग रचाते है
क्या रचेगी क्या नहीं
बहुत अच्छा सा गुमान
होता है इन लोगो को
सबके अपने अपने शिकार है
नज़र उनकी टिकती है वही
कोई परत तो चड़ी है
जिसे उतारने को बैचन है
पर घाव गहरे कर जाते है
नीचे तक कुछ उखाड़ जाते है
अंदर तक दहला जाते है
अंदर तक दहला जाते है
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