कालिमा सत्य है
शरु में भी थी
अंत में भी रहेगी
सूरज जब आता है
कालिमा को सरकाता है
सूरज जब जाता है
फिर से पैर पसारती है
संघर्ष जिंदगी का
आखिर में हारना है
हर बडत को
कोई काटता है
नया फूल को आने दो
पर नहीं जानते
की वो जो गया है
क्या वोही नया होकर
बापस आया है
वो जो है
कहते है कि
वास किया लाखो साल
उस बर्फीले पर्वत पर
फिर दूसरों को
क्यों बक्षता है
इतना थोडा सा वकत
कही डर तो नहीं
अपनी सत्ता खोने का
फिर से पैर पसारती है
संघर्ष जिंदगी का
आखिर में हारना है
हर बडत को
कोई काटता है
नया फूल को आने दो
पर नहीं जानते
की वो जो गया है
क्या वोही नया होकर
बापस आया है
वो जो है
कहते है कि
वास किया लाखो साल
उस बर्फीले पर्वत पर
फिर दूसरों को
क्यों बक्षता है
इतना थोडा सा वकत
कही डर तो नहीं
अपनी सत्ता खोने का
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