सफलता का पैमाना
तुम्हारी नज़र होता तो
पर तुम्हारी नज़र तो
तुम्हारी अनकही प्यास थी
खोज तुम्हे न जाने
किस की थी
जो शायद तुम्हे भी इल्म
नहीं
क्यों बेमतलब भटकाती हो
सीदा सादा आदमी को
अपने मन बहलाने को
नज़र का असर तो
वाही होगा
जहाँ भुलावे और
छलावे का असर होता है
और कुछ नहीं तो
यही सही
मन लगाने को
कुछ करने को
गीले शिकवे
जो पैदा करने होते है
अपने मन बहलाने को
नज़र का असर तो
वाही होगा
जहाँ भुलावे और
छलावे का असर होता है
और कुछ नहीं तो
यही सही
मन लगाने को
कुछ करने को
गीले शिकवे
जो पैदा करने होते है
Leave a Reply