KISNE KAHA
क्यों पड़ी है
किसने कहा
क्यों रखी
केसे वहा आई
कितना भी
कर लो प्रयास
पसंद का नज़ारा
होना नहीं
जब तक हर चीज
हर जगह में
वैसी लगे
जैसी सोच हो
पसंद हो
हर नज़ारे में
देखना
कोई ऐसी सुन्दरता
जो बनाने वाले
ने भी शायद
न बनाना चाही थी
इतने पयादे उतार कर
वो भी खेल
छोड़ जो भाग गया है
जब तक हर चीज
हर जगह में
वैसी लगे
जैसी सोच हो
पसंद हो
हर नज़ारे में
देखना
कोई ऐसी सुन्दरता
जो बनाने वाले
ने भी शायद
न बनाना चाही थी
इतने पयादे उतार कर
वो भी खेल
छोड़ जो भाग गया है
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