मैंने बहुत सोचा की
क्या है जो मुझे मिले
तो मेरी सारी प्यास मिट जाये
जनम जनम का जागरण
ख़तम हो जाये
दर्द की पीड़ा मिट जाये
वडा सा साम्राज्य
होते हुवे भी
बचाने की फिक्र है
बढाने की फिक्र है
गुरु ने कहा
आगे बड़ो
नहीं तो जमाना
नीचे गिरा देगा
मेरी तो समझ
में कुछ आया नहीं
मेने तो कह दिया
मुझे तो दो
वकत की गहरी
नींद का वर दे दो
जनम जनम गाऊंगा
तेरी महिमा -तेरी महिमा
क्या है जो मुझे मिले
तो मेरी सारी प्यास मिट जाये
जनम जनम का जागरण
ख़तम हो जाये
दर्द की पीड़ा मिट जाये
वडा सा साम्राज्य
होते हुवे भी
बचाने की फिक्र है
बढाने की फिक्र है
गुरु ने कहा
आगे बड़ो
नहीं तो जमाना
नीचे गिरा देगा
मेरी तो समझ
में कुछ आया नहीं
मेने तो कह दिया
मुझे तो दो
वकत की गहरी
नींद का वर दे दो
जनम जनम गाऊंगा
तेरी महिमा -तेरी महिमा
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