ये उदासी के पल
काटे नहीं कटते
जब कट जायेगे
तब और पल न रहे
साथ है चोली दामन का
सब तरफ वीराने है
जगमगाती रौशनी भी
कभी खामोश हो जाती है
कुछ पल वीरानगी
शायद तैयारी है
उससे कभी मिलने की
जहों खामोशी ही खामोशी है
जबकि कुछ किताबे कहती है
वहा बड़ी रौशनी है
जहासे देखकर कोई
वापस न आये
तो कुछ भी बोल दो
अपना धंधा चलने दो
काटे नहीं कटते
जब कट जायेगे
तब और पल न रहे
साथ है चोली दामन का
सब तरफ वीराने है
जगमगाती रौशनी भी
कभी खामोश हो जाती है
कुछ पल वीरानगी
शायद तैयारी है
उससे कभी मिलने की
जहों खामोशी ही खामोशी है
जबकि कुछ किताबे कहती है
वहा बड़ी रौशनी है
जहासे देखकर कोई
वापस न आये
तो कुछ भी बोल दो
अपना धंधा चलने दो
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