जब चैन यहाँ नहीं
तो वहा भी क्या होगा
वो जगह कही तो होगी
जहा चैन होगा
इतना कुछ करते है
क्या पाने को
कही तो आराम मिले
सब कुछ बाज़ार है
सब कुछ बिकता है
वो मंज़र हो
जहा किसी की
नज़र ना हो
हर आदमी पे
कई तरह से
निगाह रखी जाती है
आखिर क्या है
जिससे हर आदमी
डरा हुवा है
बनाने को बड़ी बड़ी
सुंदर भवन बनाते है
बड़े बड़े साहित्य के
ग्रन्थ लिखे जाते है
बड़े बड़े इनाम देते है
हर को चाहिए
अपनी सत्ता
कोन कहा रोता है
ऑसू की कीमत नहीं
भला भला सा दीखता है
उससे तो बात करे दिल की
तीर इतने चलते है
इतना प्रदुषण है
गर्त गंदगी की
हर और छाई है
तो वहा भी क्या होगा
वो जगह कही तो होगी
जहा चैन होगा
इतना कुछ करते है
क्या पाने को
कही तो आराम मिले
सब कुछ बाज़ार है
सब कुछ बिकता है
वो मंज़र हो
जहा किसी की
नज़र ना हो
हर आदमी पे
कई तरह से
निगाह रखी जाती है
आखिर क्या है
जिससे हर आदमी
डरा हुवा है
बनाने को बड़ी बड़ी
सुंदर भवन बनाते है
बड़े बड़े साहित्य के
ग्रन्थ लिखे जाते है
बड़े बड़े इनाम देते है
हर को चाहिए
अपनी सत्ता
कोन कहा रोता है
ऑसू की कीमत नहीं
भला भला सा दीखता है
उससे तो बात करे दिल की
तीर इतने चलते है
इतना प्रदुषण है
गर्त गंदगी की
हर और छाई है
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