दिल के अफसाने कहने
जाये तो कहा जाये
उनके दरवाजे तो बंद है
महक दिल की भी तो
फीकी पड़ती जा रही है
दबती जा रही है
धूल की तहों के तले
वकत गुजर गया लम्बा
अफसाने को दबा दो
पर जमीन नहीं खाली
जहाँ कब्र बन सके
दिल जब उड़ जायेगा
धुआ बनकर
मिल जायेगा अनंत में
तब अफ्सानो की
महक दूर तक जायेगी
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