जब दिल की दरारे
गहरी हो जाये
जिन्हें मिटा पाना
न हो बस में
जिसपर कोई
मरम्मत न रुके
और दरार फिर से
दिखने लगे
तो फिर क्या करे
किसकी शरण में जाये
कोई शरण देगा नहीं
नई दीवार बने कोई
पुरानी दीवार तोड़कर
पर वो कमजोरी
नई दीवार में भी
को भी कमजोर
न करदे
और फिर से
दीखने लगे
पुरानी दरारों की छाया
कहा जाये बचकर
इस चक्रवयूह से
अंत नहीं है
दूर दूर तक
सब और
दरारे ही दरारे है
गहरी हो जाये
जिन्हें मिटा पाना
न हो बस में
जिसपर कोई
मरम्मत न रुके
और दरार फिर से
दिखने लगे
तो फिर क्या करे
किसकी शरण में जाये
कोई शरण देगा नहीं
नई दीवार बने कोई
पुरानी दीवार तोड़कर
पर वो कमजोरी
नई दीवार में भी
को भी कमजोर
न करदे
और फिर से
दीखने लगे
पुरानी दरारों की छाया
कहा जाये बचकर
इस चक्रवयूह से
अंत नहीं है
दूर दूर तक
सब और
दरारे ही दरारे है
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